DIGITAL MARKETING V/S TRADITIONAL MARKETING

क्या आप 2022 में अपने बिजनेस को ऑनलाइन ले जाना चाहते हैं? Let’s Learn Digital Marketing v/s Traditional Marketing

DIGITAL MARKETING V/S TRADITIONAL MARKETING

Let’s Learn Digital marketing v/s Traditional Marketing

# Marketing क्या है?

  • मार्केटिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अथवा संस्था विभिन्न  टूल्स और टेक्निक्स  का इस्तेमाल करते हुए अपने उत्पाद या सेवाओं को अपने टारगेटेड कस्टमर तक पहुंचाते हैं।

 

# Marketing के कौन-कौन से प्रकार हैं?

  • मार्केटिंग के मुख्यतः दो प्रकार हैं- ट्रेडिशनल यानी परंपरागत मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग।

 

# Traditional Marketing क्या है?

  • ट्रेडिशनल मार्केटिंग किसी सेवा प्रदाता या उत्पादक द्वारा अपने ग्राहकों तक पहुंचने का एक ऐसा माध्यम है जिसमें इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होती यह सदियों से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है और यह लोगों तक पहुंचने का और अपने उत्पाद व सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम रहा है। परंतु टेक्नोलॉजी के इस युग में यह गंभीर चुनौतियों से गुजर रहा है।

 

# ट्रेडिशनल अर्थात परंपरागत मार्केटिंग में मुख्यतः कौन सी टूल्स एंड टेक्निक्स इस्तेमाल की जाती है?

  • ट्रेडिशनल मार्केटिंग में सबसे अहम रोल किसी उत्पाद या सेवा द्वारा संतुष्ट ग्राहकों द्वारा लोगों के बीच उसकी प्रशंसा करना है जिससे नए ग्राहक उस सेवा या उत्पाद की तरफ आकर्षित होते हैं।

  • रेडियो द्वारा किए जाने वाले विज्ञापन

  • टीवी पर किए जाने वाले विज्ञापन

  • समाचार पत्रों के द्वारा विज्ञापन

  • पंफलेट द्वारा प्रचार

  • साइन बोर्ड्स होल्डिंग्स बिलबोर्ड्स इत्यादि का इस्तेमाल

  • दीवारों पर पेंटिंग

  • विजिटिंग कार्ड्स

  • अपने प्रोडक्ट के पैकेट्स पर अपनी अन्य प्रोडक्ट व सेवाओं की जानकारी देना।

  • टेलीफोन माध्यम या पत्र व्यवहार द्वारा

  • लाउडस्पीकर द्वारा

 

# ट्रेडिशनल मार्केटिंग के मुख्य फायदे क्या है?

           Traditional marketng कम पढ़े लिखे लोगों, इंटरनेट का इस्तेमाल न कर पाने वाले, 40 साल से ऊपर के लोगों और खासकर महिलाओं के बीच अपनी सेवाओं व उत्पाद को पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है।

          ट्रेडिशनल मार्केटिंग एक लोकल एरिया में अपनी सेवाओं या उत्पाद को एक विशिष्ट पहचान देने तथा उसे प्रोत्साहित करने का एक अत्यंत उपयुक्त माध्यम है।

           ट्रेडिशनल मार्केटिंग उत्पाद या सेवाओं की विश्वसनीयता अत्यंत अहम् होती है क्योंकि इसमें सेवा प्रदाता या दुकानदार तथा ग्राहक एक-दूसरे के आमने-सामने होते हैं।

         ट्रेडिशनल मार्केटिंग में ग्राहक के पास सेवाओं या उत्पाद की गुणवत्ता को व्यक्तिगत रुप से जांचने परखने के लिए अधिक अवसर उपलब्ध होते हैं ताकि वह अंतिम खरीदारी से पहले स्वयं को संतुष्ट कर सके।

         छोटे व्यवसाय को सफल बनाने में ट्रेडिशनल मार्केटिंग अत्यंत उपयोगी है क्योंकि इसमें व्यवसाई की विश्वसनीयता और उसकी Social Reach अहम योगदान देती है।

 

# ट्रेडिशनल मार्केटिंग में क्या चुनौतियां हैं?

    समय के साथ-साथ जैसे जैसे लोग नई टेक्नोलॉजी सोशल मीडिया के अभ्यस्त होते जा रहे हैं उससे ट्रेडीशनल मार्केटिंग अपने चुनौतियों के गंभीर दौर से गुजर रही है विश्व की एक बड़ी आबादी इंटरनेट यानी सोशल मीडिया से जुड़ी हुई है अर्थात उन्हें घर बैठे ही उत्पाद व सेवाओं की जानकारी डिजिटल माध्यम से प्राप्त हो जाती है, ऐसे में नई चीजों की प्रति शहज आकर्षण उन्हें डिजिटल मार्केटिंग की तरफ आकर्षित करती है । विशेष रुप से कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान जिस प्रकार अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति का संकट उत्पन्न हुआ उससे लोग तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की तरफ आकर्षित हुए और उन्होंने जीवन का एक नया तरीका सीख लिया अर्थात डिजिटल मार्केटिंग। आज ट्रेडिशनल मार्केटिंग को डिजिटल मार्केटिंग से गंभीर चुनौतियां मिल रही हैं, इसलिए यह समय की आवश्यकता है की इन लोगों को अपने व्यवसाय को डिजिटल माध्यमों से आगे ले जाने का प्रयास करना चाहिए।

 

# Digital Marketing क्या है?

  • डिजिटल मार्केटिंग आधुनिक युग में नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट स्मार्टफोन की सहायता से अपने ग्राहकों तक पहुंचने का एक सशक्त माध्यम है पिछले कुछ वर्षों में इस तकनीक का विकास अत्यंत तेजी के साथ हुआ है। Covid-19 pandemic ने मार्केटिंग के पूरे परिदृश्य को ही बदल कर रख दिया है क्योंकि इस दौरान लोग एक दूसरे के साथ दूरी बनाकर रखने को मजबूर थे अतः टेक्नोलॉजी आधारित मार्केटिंग का यह तरीका अत्यंत तेजी के साथ विकसित हुआ ताकि लोग अपनी जरूरत की चीजों को आसानी से प्राप्त कर सकें।

 

# डिजिटल मार्केटिंग में मुख्यतः कौन सी टूल्स व टेक्निक्स इस्तेमाल की जाती हैं?

  • वेबसाइट कंटेंस

  • ईमेल मार्केटिंग

  • फेसबुक एडवर्टाइजमेंट

  • सोशल मीडिया मार्केटिंग

  • सर्च इंजन मार्केटिंग ( SEO)

  • पे पर क्लिक एडवरटाइजिंग

  • कंटेंट मार्केटिंग

  • एफिलिएट मार्केटिंग

  • यूट्यूब वीडियोज

  • मोबाइल मार्केटिंग

 

# Digital marketing के क्या फायदे हैं?

विश्व की 8 अरब की आबादी में से लगभग 5 अरब लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं और इनमें से लगभग 4 अरब 62 करोड लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं अर्थात यह लोग वर्तमान में ईजाद की जाने वाली नई टेक्नोलॉजी से अच्छे से वाकिफ हैं।

इससे यह स्पष्ट है कि इंटरनेट से संबंध प्लेटफॉर्म्स फॉर एडवर्टाइजमेंट करना टेलीविजन जब प्रिंट मीडिया में एडवर्टाइजमेंट करने से कहीं ज्यादा बेहतर है और अधिक लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

  • डिजिटल मार्केटिंग द्वारा सेवा प्रदाता या उत्पादक दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर अपनी सुविधानुसार आसानी से अपने ग्राहकों तक पहुंच सकता है व अपने उत्पाद व सेवाओं के बारे में उनको जानकारी उपलब्ध करा सकता है।

  • अपने टारगेट ऑडियंस को कस्टमाइज किया जा सकता है।

  • बिजनेस को वैश्विक स्तर पर ले जाने में अत्यंत उपयोगी है।

  • इस तकनीक से कई प्रकार के खर्चे जैसे ट्रांसपोर्टेशन प्रिंटिंग इत्यादि को सीमित किया जा सकता है।

  • कम खर्च और कम समय में अधिक लोगों तक अपनी पहुंच बना सकते हैं।

  • नई पीढ़ी के ग्राहक जिनका एक लंबा वक्त इंटरनेट पर बीतता है उन्हें आसानी से अपने उत्पाद या सेवाओं के प्रति आकर्षित किया जा सकता है।

  • ग्राहक को घर बैठे उत्पादों को चुनने वह उनको कंपेयर करने की सुविधा प्राप्त होती है।

  • डिजिटल मार्केटिंग द्वारा हम अपने टारगेट ऑडियंस के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं वह उसका उपयोग भविष्य में अपने उत्पाद व सेवाओं को बेचने के लिए कर सकते हैं।

  • कई ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स है जहां पर हम अपने बिजनेस के बारे में बिना किसी खर्च के एडवर्टाइजमेंट कर सकते हैं।

 

# डिजिटल मार्केटिंग में क्या चुनौतियां हैं?

डिजिटल मार्केटिंग एक नई तकनीक है इसको पूर्णत है सफलतापूर्वक अपनाने के लिए यह आवश्यक है यह हमें इस तकनीक का पूर्ण ज्ञान हो ताकि इसका उपयोग प्रभावशाली तरीके से अपने उत्पाद व सेवाओं को प्रचारित व प्रसारित करने के लिए किया जा सके।

 

# सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल डिजिटल मार्केटिंग में किस प्रकार होता है?

आइए हम सोशल मीडिया के कुछ टूल्स के बारे में जानते हैं जिनके द्वारा डिजिटल मार्केटिंग की जा सकती है

  • सोशल मीडिया मार्केटिंग- हम अपने उत्पाद, सेवा व कार्यों को पोस्ट्स, वीडियोस और स्टोरीज के माध्यम से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर प्रदर्शित कर सकते हैं

  • ईमेल मार्केटिंग- यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मेल द्वारा अपने बिजनेस के बारे में अपने टारगेट ऑडियंस को जानकारी दी जा सकती

  • कंटेंट मार्केटिंग-इसमें अपने उत्पाद या सेवा को एक स्टोरी के माध्यम से प्रदर्शित कर यूजर्स को आकर्षित किया जाता है।

  • पे पर क्लिक- यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फॉर अल्प अवधि के लिए की जाने वाली Paid एडवरटाइजमेंट्स  हैं।

  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन(SEO) – यह डिजिटल मार्केटिंग का सबसे सशक्त टूल है इसके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि जब कोई ग्राहक आप से संबंधित उत्पाद या सेवाओं को इंटरनेट पर सर्च करता है तो आपका उत्पाद या सेवा सबसे ऊपर प्रदर्शित हो।

  • एफिलिएट मार्केटिंग- यह किसी प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपने उत्पाद को प्रदर्शित करना होता है। आमतौर पर कंपनियां अपने ब्रांड को मार्केट में स्थापित करने के लिए इसका उपयोग करती हैं।

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# डिजिटल मार्केटिंग तथा ट्रेडीशनल मार्केटिंग में से कौन सा बेहतर है?

इस बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना शायद जल्दबाजी होगी क्योंकि दोनों का अपना महत्व है यह इस बात पर निर्भर करता है कि बिजनेस का प्रकार क्या है बिजनेस की डेमोग्राफी क्या है तथा टारगेटेड ऑडियंस कौन हैं।

इसे समझने के लिए आइए हम दोनों का एक तुलनात्मक अध्ययन करते हैं-

 

TRADITIONAL MARKETNG 

DIGITAL MARKETING 

  1. इसमें उत्पाद व सेवाओं को ग्राहकों तक टीवी, रेडियो, बैनर्स, पंपलेट, स्पॉन्सरशिप, लाउडस्पीकर, होर्डिंग्स इत्यादि द्वारा पहुंचाया जाता है।

 

  1. यह अपेक्षाकृत मार्केटिंग का खर्चीला माध्यम है।

 

  1. यह उत्पाद की ब्रांडिंग के लिए अधिक प्रभावी नहीं है।

 

  1. इसमें इन्वेस्टमेंट और रिटर्ंस के अनुपात को कैलकुलेट करना मुश्किल है।

  2. इसमें एडवर्टाइजमेंट को एक बार पोस्ट करने के बाद बदलाव संभव नहीं है।

 

  1. इसमें सामान्यतः यूजर एडवर्टाइजमेंट को skip नहीं कर सकता।

 

  1. इसमें यूजर्स को कस्टमाइज नहीं किया जा सकता अर्थात यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि किसे एडवर्टाइजमेंट दिखाई जानी है और किसे नहीं।

  2. इसमें एडवर्टाइजमेंट के प्रभाव को मापना कठिन हैl ie Realtime assessment of influence of advertisement is not possible.

 

  1. इसमें कस्टमर के डाटा को भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं रखा जाता।

 

  1. ट्रेडिशनल मार्केटिंग के प्रभाव के आकलन में लंबा समय लगता है।

 

  1. लोकल बिजनेस की ग्रोथ के लिए ही अधिक प्रभावी है।

 

  1. इसमें उत्पाद व सेवाओं को ग्राहकों तक डिजिटल माध्यम अर्थात इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे-SEO, SMM, PPC, AFFILIATE MARKETING,

FACEBOOK ADS, EMAIL, WEBSITE द्वारा पहुंचाया जाता है।

  1. यह अपेक्षाकृत मार्केटिंग का सस्ता माध्यम है।

 

  1. इस माध्यम से किसी उत्पाद की ब्रांडिंग काफी कम समय में की जा सकती है।

 

  1. इसमें इन्वेस्टमेंट और रिटर्न के अनुपात को कैलकुलेट करना सहज है।

  2. इसमें एडवर्टाइजमेंट को पोस्ट करने के बाद भी आवश्यकता अनुसार परिवर्तित किया जा सकता है।

  3. इसमें यूजर एडवर्टाइजमेंट का उपयोग अपने इंटरेस्ट के अनुसार कर सकता है।

 

  1. इसमें यूजर्स को कस्टमाइज किया जा सकता है अर्थात एडवर्टाइजमेंट को उपयुक्त यूजर्स को ही देखने के लिए प्रदर्शित किया जा सकता है।

 

  1. डिजिटल मार्केटिंग केरिजल्ट्स का रियल टाइम एसेसमेंट किया जाना संभव है।



  1. इसमें कस्टमर के डाटा को भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखा जाता है।

 

  1. डिजिटल मार्केटिंग के प्रभाव का अल्प समय में ही आकलन किया जा सकता है।

 

  1. यह बिजनेस को ग्लोबलाइज करने का सशक्त माध्यम है।



 

उपरोक्त बिंदुओं पर यदि निगाह डालें तो शायद यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ट्रेडिशनल मार्केटिंग यदि वर्तमान है तो डिजिटल मार्केटिंग भविष्य अर्थात आने वाले समय में निश्चित रूप से डिजिटल मार्केटिंग धीरे-धीरे ट्रेडिशनल मार्केटिंग पर हावी होती जाएगी और व्यवसायियों को अपने व्यापार को ग्रो करने के लिए उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ले जाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। अतः यह उपयुक्त समय है जब हमें डिजिटल मार्केटिंग के बारे में अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित कर भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार करना चाहिए।